हिन्दी भावानुवाद (मिश्र बेहाग, आद्धा ताल)
विफल दिन जाये माँ श्यामा,
कब दीन पर दया होगी |
दीन बोले हे दयामयी,
चिरदिन क्यों वंचित रहे | |
अभागा संतान यदि,
माँ कभी नहीं तुझ से वंचित |
तब क्यों निरवधि,
यह कंगाल वंचित रहे | |
षडरिपु भीषण दुश्मन,
परवश करे प्राण हरण |
दे माँ श्यामा चरण-तरणि
डूबे पुत्र भवार्णव में | |
(Original Bangla Song, Source - Sangeet Sangraha Sep. 2006 Ed., page no 126)